ये दुनिया झूठ की पाठशाला हैं ,यहाँ प्रेम की किताबें नहीं पढ़ी जाती |
यह तो अहम् की दुकान हैं , जहाँ कोई उम्मीद की रौशनी नहीं दिखाई देती ||
यहाँ दोस्ती की दौर बाँधी जाती हैं , लेकिन उसे योग के रंग में नहीं बुना जाता |
यह तो अहम् की दुकान हैं , जहाँ कोई उम्मीद की रौशनी नहीं दिखाई देती ||
यहाँ रिश्तों में बड़ा मिठास हैं , लेकिन उसमें विश्वाश की चाषनी नहीं मिलाई जाती |
यह तो अहम् की दुकान हैं , जहाँ कोई उम्मीद की रौशनी नहीं दिखाई देती ||
यहाँ के लोग गजब की तारों और सितारों से जुड़े हैं , लेकिन इन सितारों की चमक थोड़ी कम हैं |
यह तो अहम् की दुकान हैं , जहाँ कोई उम्मीद की रौशनी नहीं दिखाई देती ||
यहाँ तो सभी अपने दिखाई देते हैं , लेकिन उन अपनों ने हमें पराया मान रखा हैं |
यह तो अहम् की दुकान हैं , जहाँ कोई उम्मीद की रौशनी नहीं दिखाई देती ||
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