हे राम !
ना तुम बचें , ना सीता बची ,
ना लक्ष्मण , और ना हनुमान ,
ना लंका बची ना लंकेश ,
बस तेरे नाम पे आज सिर्फ़ दिवाली बची |
हे राम !
ना प्रेम बचा , ना बचें झूठन बेर ,
ना अनुराग बचा , ना बचा वैराग ,
ना कोई त्याग , ना कोई साधना ,
ना कोई हठ , ना कोई पीड़ा ,
बस तेरे नाम पे आज सिर्फ़ दिवाली बची |
हे राम !
ना धर्म बचा , ना कोई वेद ,
ना कोई भक्ति , ना कोई मुक्ति ,
ना साधू , ना संत ,
ना ज्ञानी , ना ज्ञान ,
बस तेरे नाम पे आज सिर्फ़ दिवाली बची |
हे राम !
ना शान्ति , ना आंनद ,
ना धैर्य बचा और ना कोई तपस्या ,
हे राम !
अब तेरे नाम पे कोई कर्म भी नहीं बचा ,
ना सत्य बचा और ना ही कोई खोज ,
बस तेरे नाम पे आज सिर्फ़ दिवाली बची |
जब कुछ नहीं बचा ,
हे राम !
अब तेरे नाम की यह दिवाली भी ना बचें ||
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