यह दुनिया झूठ की पाठशाला हैं |
यहाँ उम्मीदें की किताबें नहीं पढ़ाई जाती ||
यहाँ सपनो के पुल बाधें जातें हैं |
लेकिन साहस की ईटें नहीं दिया जाता ||
यहाँ दोस्ती की डोर बाँधी जाती हैं |
लेकिन उसे प्रेम के रंग में नहीं बुना जाता ||
यहाँ रिश्तों में बढ़ा मिठास हैं |
लेकिन उसे विश्वास में नहीं बनाया हैं ||
यहाँ लोग अजीब तारों से जुड़े हैं |
लेकिन इन तारों को सुरों से नहीं जोड़ा जाता ||
यहाँ तो सभी अपने दिखाई पड़ते हैं |
लेकिन उन अपनों ने हमें पराया मान रखा हैं ||
यह दुनियाँ अहम् की दुकान हैं |
यहाँ तुम्हें कोई उम्मीद नहीं हैं ||
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